-मुन्ना पांडेय इससे पहले कि कंवल सेठी की फ़िल्म “वन्स अगेन” के बारे में कुछ कहा जाए, फ़िल्म की नायिका...
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-दिव्यमान यति कहते हैं धन हाथ लग जाए तो इंसान अपने आप को परम ज्ञानी मानने लगता है. फिर तो...
-मुन्ना के. पांडेय कल से “सुपर30” के टीजर पर भसड़ मची हुई है. मैं भी झटका खा गया कि एक्सेंट...
-मुन्ना के. पांडेय पचास का दशक हिंदी सिनेमा के इतिहास में ‘उम्मीदों भरा जमाना’ कहा जाता है. उस समय एक...
-गौरव सिनेमा में परदे पर दिख रहे नायकों से तो हर कोई वाकिफ होता है, पर असल नायक तो वो...
-मुन्ना के. पाण्डेय लेखिका और कवयित्री अनामिका अपने उपन्यास ‘लालटेन बाज़ार’ में लिखती हैं “संबंधों की इतिश्री की बात करते...
-पंकज भारद्वाज सिनेमा और साहित्य का बड़ा गहरा संबंध रहा है. साहित्य ने सिनेमा को आधार दिया, संवारा, वहीं सिनेमा...
– चंद्रकांता लोकप्रिय या पॉपुलर सिनेमा का काम मनोरंजन के अतिरिक्त समाज के यथार्थ को उघाड़ना और अपने समय के...
-चंद्रकांता ‘नीचा नगर’ ( lowly city ) चेतन आनंद द्वारा निर्देशित पहली हिन्दी फिल्म थी . यह फिल्म ‘बालीवुड फंतासी’...
-चंद्रकांता हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल कर इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल कर . सिनेमा हमारे...