बीते कुछ दिनों से बॉलीवुड में सबसे ज्यादा ज्वलंत मुद्दा सुशांत सिंह राजपूत का है. उनकी मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. अभी तक यह मामला हर किसी के लिए एक मिस्ट्री बनी हुई है. पुलिस इस मामले में लगातार जांच कर रही है. पुलिस इस मामले में सुशांत के परिवार समेत 30 लोगों का बयान दर्ज कर चुकी है, लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं आयी है. वहीं इस मामले में बॉलीवुड से कई लोग खुलकर बात करने लगे हैं. हर कोई अपने-अपने अंदाज में अपना राय रख रहा. इसी कड़ी में अभिनेता Shatrughan Sinha ने भी सुशांत के आत्महत्या पर अपनी बात रखी है.
आत्महत्या समस्या का समाधान नहीं – शत्रुघ्न
Shatrughan Sinha ने सुशांत के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं. उन्होंने एक मीडिया संस्थान से कई मुद्दों पर खुलकर बात भी की. अभिनेता ने कहा कि सुशांत और मेरे बीच काफी समानताएं थीं. उनकी मां का निधन 2002 -2003 में हुई. उसी वक्त मेरी मां का भी निधन हुआ. मैं भी बिहार से था और वह भी बिहार से. मैंने भी जीरो से शुरू किया, उन्होंने भी जीरो से हीरो तक का सफर तय किया. मुझे उनमें एक अच्छे कलाकार बनने की सारी संभावना दिखती थीं. वह भी अपने घर के सबसे छोटे थे और मैं भी अपने घर का सबसे छोटा. इस तरह हमारी कई चीजें आपस में मिलती थी. आज बहुत दुख है कि वह हमारे बीच नहीं रहे.
“मैं चाहता हूं, वो मेरी हत्या करें, मैं आत्महत्या कर उनका काम आसान नहीं करना चाहता” – अनुराग अनंत
शत्रुघ्न ने दोस्तों पर साधा निशाना
आगे उन्होंने कहा मेरा मन बहुत परेशान है कि 34 साल की उम्र में वह हमें छोड़ कर चले गए. मुझे नहीं लगता कि आत्महत्या समस्या का समाधान है, बल्कि यह समाधान नहीं बड़ी समस्या है. वह तो चले जाते हैं हमें छोड़कर, लेकिन उनके परिवार का क्या? उनके चाहने वालों का क्या? जो उनसे इतना प्रेम करते हैं. आज उनके मौत पर उनके दोस्त भी बड़ी ल-बड़ी बातें कर रहे हैं. मैं बस यही पूछना चाहूंगा कि जब वह डिप्रेशन में थे तो उनके करीबी दोस्त कहां थे? डिप्रेशन में साथ क्यों नहीं दिया? और आज उनकी मौत के बाद इतनी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं.
गौरतलब है कि Shatrughan Sinha इससे पहले भी नेपोटिज्म को लेकर घिरे करण जौहर का समर्थन करते हुए सुशांत की आत्महत्या पर अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि किसी के आत्महत्या के लिए हम किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते. करण को आज नेपोटिज्म को लेकर ट्रोल किया जा रहा है, लेकिन सही मायने में ऐसा कुछ नहीं है. बेमतलब का लोग उन्हें इसमें समेट रहे हैं.