सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. जिसमें अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी है. तभी फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार के वकील ने इस फैसले को चुनौती देते हुए कहा की हम फिर रिव्यू पीटिशन दाखिल करेंगे. तो वहीं Supreme कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि पहले इस 35 पेज के जजमेंट को सही से पढ़िए फिर रिव्यू पेटिशन के बारे में सोचिये.
बिहार की FIR है कानून के दायरे में- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आज 19 अगस्त को सुशांत मामले में अपना फैसला सुनाकर अब इस केस को सीबीआई जांच के लिए दे दिया गया है. जिसपर महाराष्ट्र सरकार के वकील ने इस फैसले पर असहमति जताते हुए रिव्यू पीटिशन दाखिल करने की बात कही है. तो वहीं Supreme कोर्ट ने उनको फटकार लगाते हुए कहा कि तमाम सबूतों और गवाहों के बाद बहुत बारीकी से यह फैसला लिया गया है. पहले आप यह 35 पेज का जजमेंट सही से पढ़ें. और फिर बाद में रिव्यू पीटिशन दाखिल करने की बात करें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पटना में दर्ज एफआईआर को कानून के दायरे में बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह मानते हुए कहा की मुंबई पुलिस ने इस मामले में सही से जांच नहीं की और अब मुंबई पुलिस को इस केस से जुड़े सारे सबूत सीबीआई को देने होंगे. और साथ ही सीबीआई जांच में मुंबई पुलिस को अपना पूरा योगदान भी देना होगा.
फैसले पर के के सिंह ने रखी अपनी राय
Supreme कोर्ट के इस फैसले पर के के सिंह ने अपने वकील विकास सिंह से कहा कि यह उनके लिए एक बड़ी जीत है. और अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी. वहीं सुशांत के चाचा ने कहा कि आज यह ऐतिहासिक फैसला आया है हमारी और करोड़ो लोग जो सीबीआई की मांग कर रहे थे. आज उनकी जीत हुई है. सुशांत को न्याय मिलेगा.
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