गुजरा 25 सितंबर फिर से फिल्मी दुनिया के लिए एक बुरी खबर लेकर आया. दिग्गज गायक SP Balasubramanyam का कोरोना बीमारी के कारण निधन हो गया. चेन्नई के एक अस्पताल में पिछले 52 दिनों से कोरोना से जंग लड़ते हुए 74 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. एसपी बालासुब्रमण्यम संगीत की दुनिया के वो नायाब नगीने थे जिन्होंने करीब 16 भाषाओं में गाने गाकर ये बताया कि संगीत में कोई भाषाई सीमा नहीं होती.
SP Balasubramanyam का जन्म 4 जून 1946 को आंध्र प्रदेश के नेल्लूर में हुआ था. बचपन में एक इंजीनियर बनने का सपना देखा था लेकिन उनके अंदर छिपे किसी धुन ने उन्हें संगीत की ओर मोड़ दिया. मूल रूप से तमिल, तेलुगु, कन्नड़ में गाने वाले एसपी बालासुब्रमण्यम, मोहम्मद रफी के बड़े प्रशंसक थे. उनके गाने सुनते-गुनगुनाते उन्हीं में खो जाते थे. वो अक्सर कहा करते थे कि दक्षिण भारत का होने के बावजूद उन्हें संगीत की प्रेरणा हिंदी गानों से मिली. एसपी बालासुब्रमण्यम के गायन की शुरुआत 1966 में तमिल फिल्म ‘श्री श्री मर्यादा रामना’ से होने के बावजूद उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी बड़ी ही प्रभावशाली तरीके से अपनी छाप छोड़ी. हिंदी फिल्म जगत में उनके गानों की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बहुत सालों तक इनकी आवाज को सलमान खान की आवाज समझा जाता था. उन्होंने सलमान खान की फिल्म, ‘मैंने प्यार किया’, ‘साजन’, ‘हम आपके हैं कौन’ इन सभी फिल्मों में सलमान के लिए गाया.
1981 में फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ से पहली बार हिंदी फिल्मों में गाने की शुरुआत की. इसमें कमल हासन हीरो थे तो लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का संगीत था. इन सभी के बीच अपने पहले हिंदी फिल्म के गाने ‘तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन’ के लिए उन्हें नेशनल अवार्ड से समान्नित किया गया। इसके बाद उनका हिंदी फिल्मों में गाने के सफर की शुरुआत हुई जो फिल्म ‘सागर’ के ‘सच मेरे यार’ और ‘ओ मारिया’, फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कबूतर जा जा’, ‘दिल दीवाना’, ‘मेरे रंग में रंगने वाली’, ‘आजा शाम होने आई’, फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ के ‘पहला-पहला प्यार है’ और ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’, फिल्म ‘रोजा’ का यादगार गाना ‘रोजा जानेमन’ से होता हुआ शाहरुख खान की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के टाइटल ट्रैक तक चला.
SP Balasubramanyam ने कई बड़े सुपरस्टार के लिए गाना गाया, चाहे वो साउथ के एमजीआर, रजनीकांत, कमल हासन, हो या हिंदी के सलमान खान और शाहरुख खान. वो गायकी के साथ-साथ एक बेहतरीन डबिंग आर्टिस्ट भी रहे, उन्होंने कमल हासन, गिरीश कर्नाड, रजनीकांत सभी के लिए डबिंग किया. उन्होंने शुरुआत में तमिल और तेलुगु फिल्मों के लिए काम भी किया. डबिंग के लिए उन्हें 2 बार आंध्र प्रदेश के सर्वोच्च सम्मान नंदी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. दक्षिण भारतीय फिल्म जगत में कई अवार्ड जीतने के साथ ही वो 6 बार चार अलग-अलग भाषाओं के गाने के लिए नेशनल अवार्ड भी जीत चुके हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. उनके नाम कई कीर्तिमान दर्ज हैं। उन्होंने अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में भी नाम दर्ज कराया सबसे अधिक गाने गाकर. ऐसा माना जाता है कि एसपी बालासुब्रमण्यम ने करीब 40000 गानें अलग-अलग भाषाओं में गाये हैं. उनके नाम एक और रिकॉर्ड है वो है एक दिन में 21 कन्नड़ गाने रिकॉर्ड करने का. लगभग 50 साल के करियर में एसपी बालासुब्रमण्यम ने शुरुआती दिनों में शास्त्रीय संगीत का ज्ञान ना होने के बावजूद अपनी गायकी और उसकी शैली को निरंतर बेहतर किया। उनके स्वर आज भी उनके बेहतरीन नगमों में सुनाई पड़ते हैं. उनका संगीत के क्षेत्र में ये महान योगदान आज की पीढ़ी को प्रेरणा देगा. उन्होंने भाषाई बंदिशों को दरकिनार कर सम्पूर्ण भारत को संगीत सुनाया.