गौरव
फिल्ममेकर व फिल्म समीक्षक
कलाकार : अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना, फहाद फासिल
निर्देशक : सुकुमार
भाषा : तेलुगु, तमिल, हिंदी, कन्नड़, मलयालम
रेटिंग : **** 4 (आधे नंबर आप चाहे तो एक्शन और डांस सीक्वेंस के भी दे सकते हैं)
अल्लू अर्जुन, सुकुमार और ब्रांड पुष्पा, इस तिकड़ी ने मिलकर परदे पर एक ऐसा तिलिस्म रच दिया है जो Pushpa 2 The Rule का इंतजार कर रहे दर्शकों को बेहतरीन सौगात देने वाला है. और साथ में श्रीवल्ली (रश्मिका मंदना) का तोहफा तो बोनस के रूप में है ही.
एक कहावत है, इंतजार का फल मीठा होता है. Pushpa 2 उसी कहावत को चरितार्थ करती नई फिल्म है जो अपने प्रशंसकों के दो साल के इंतजार को एक नई मिठास देने वाली है. इस बार दर्शकों को पुष्पा का इंटरनेशनल अवतार देखने को मिलेगा जिसके भीतर दुश्मनों को खत्म करने की जितनी आग है, अपनों के लिए दिल में करुणा का उतना ही पानी भी है. रिश्तों पर आंच आते ही पुष्पा फायर से वाइल्ड फायर हो जाता है.
Pushpa 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पिछली पुष्पा खत्म हुई थी. अपनी पत्नी श्रीवल्ली की एक इच्छा पूरी करने के लिए पुष्पा राज्य का तख्ता पलट कर देता है. इस कोशिश में देश के भीतर लाल चंदन की तस्करी करने वाला पुष्पा इंटरनेशनल मार्केट का बॉस बन बैठता है. इन सबके साथ पुष्पा के भीतर बचपन से पल रही एक टीस भी है जो अपने और अपने परिवार को सामाजिक हक दिलाना चाहता है, जो उसके सौतेले भाई से कभी नहीं मिली. दूसरी ओर एसपी भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) है जो अपमान के बदले की आग में जलता हुआ पुष्पा को खाक में मिलाने पर आमादा है. पुष्पा कैसे अपने दुश्मनों से निबटता है और क्या उसे वो हक़ मिल पता है जिसकी कसक उसे बचपन से थी. बेहतर होगा ये देखने के लिए आप एक बार थिएटर का रुख करें. और यकीन मानिये आपने एक बार थिएटर का रुख किया तो आप निश्चित ही इस फिल्म को दुबारा देखने के लिए थिएटर का रुख जरूर करेंगे.
फिल्म की सबसे बड़ी खासियत थिएटर को तालियों और सीटियों से भर देने वाले इसके लार्जर देन लाइफ वाले एक्शन सीक्वेंसेस और नसों में उबाल पैदा करने वाले इसके डायलॉग्स हैं. जिसका असली मजा आपको थिएटर के भीतर जा कर ही आएगा. अच्छी कहानी, कॉमेडी के हलके फुल्के तड़के और बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी के साथ निर्देशक सुकुमार ने लम्बे-लम्बे एक्शन दृश्यों को जिस खूबसूरती से पिरोया है वो ये साबित करने के लिए बिलकुल मुफीद है कि ‘ पुष्पा नाम सुन के फायर समझा क्या, वाइल्ड फायर है ये’. औसत से रहे गानों कि बात छोड़ दें तो पुष्पा कि रिलीज के बाद एक लम्बे वक़्त से अगले पार्ट कि उम्मीद लगाए दर्शकों के लिए अल्लू अर्जुन का वाइल्ड फायर अवतार निश्चित रूप से उनके चाहने वालों को खुश करने वाला है. और उनकी ख़ुशी कई गुना और बढ़ जाएगी जब फिल्म के आखिरी सीन में परदे पर पुष्पा 3 कि भी घोषणा कर दी जाती है.
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क्यों देखें: अल्लू अर्जुन का स्वैग, जबरदस्त एक्शन, डांस, पुष्पा और श्रीवल्ली कि केमेस्ट्री के साथ और भी बहुत कुछ है जिसके लिए निश्चित ही एक बार थिएटर का रुख जरूरी है.
क्यों न देखें: गाने और सिनेमा कि 15-20 मिनट की अनावश्यक लेंथ को छोड़ दें तो कोई कारण नहीं बचता इस फिल्म को एक बार ना देखने का.