Amit Sadh ने हाल ही में एक बातचीत में नेपोटिज्म व अन्य कई विषयों पर बात की है. जहां नेपोटिज्म पर कई विवादित बयान सामने आ चुके हैं. वहीं अभिषेक के को एक्टर अमित साध भी पीछे नही रहे. उन्होंने भी इस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर इंडस्ट्री में 4 नालायक है तो 40 अच्छे लोग भी है. आगे कहा फेवरेटिज्म हर घर मे होता है, बच्चों में भी. इसी कथन को बढ़ाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वो पहले एक होटल में सिक्योरिटी गार्ड थे. यदि उन्हें अपने फ़िल्मी कैरियर में काम नहीं भी मिला तो वे बर्तन मांजने के लिए भी तैयार है.
लॉकडाउन ने जिंदगी जीना सिखाया
लॉकडाउन पर Amit Sadh ने बात करते हुए कहा सेल्फ आइसोलेशन की प्रक्रिया ने उनके जीवन में अहम भूमिका निभाई है. उन्हें यह एहसास दिला दिया कि कुछ चीजें ऐसी भी थी, जिन्हें वह नजरअंदाज कर दिया करते थे. उनकी लाइफ में पूर्व सिर्फ फिल्मों का ही स्थान था तो वहीं इस 3 महीने के इंटरवल ने उन्हें जीवन को जीने का सही तरीका समझा दिया है. लॉकडाउन में अमित अपने परिजनों से अलग मुक्तेश्वर में रह रहे थे.
टीवी इंडस्ट्री को लेकर की बात
अमित साध ने अपने बातचीत में टीवी इंडस्ट्री को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने टीवी इंडस्ट्री नहीं छोड़ा था बल्कि उन्हें टीवी इंडस्ट्री के निर्माताओं ने बैन कर दिया था. वर्ष 2002 में ‘क्या होता है प्यार ‘टीवी शो से अमित साध ने अपनी टीवी कैरियर में अभिनय की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि मैंने कई शो में काम किया, लेकिन 2007 के बाद से मुझे काम मिलना बंद हो गया. तब जाकर मैंने टीवी इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया.
बॉलीवुड इंडस्ट्री में नेपोटिज्म का मुद्दा सुशांत के निधन के बाद से ही चल रहा है. हर कोई नेपोटिज्म पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा. कई कलाकारों का कहना है कि नेपोटिज्म हर जगह होती है, न कि सिर्फ इंडस्ट्री में. इसलिए बॉलीवुड में चल रहे इन मुद्दे पर Amit Sadh ने भी अपनी राय रखी क्योंकि उन्हें भी इन सब परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है.
Simran Sachdeva