Wed. Apr 24th, 2024

It’s All About Cinema

हिंदी सिनेमा की प्रथम महिला के तौर पर पहचान बनाने वाली Nargis की ऐसी दर्द भरी रही थी जिंदगी!

1 min read

अपनी अदाओं और अपनी नजाकत से जलवे बिखेर चुकी Nargis का आज के दिन ही जन्म हुआ था. नरगिस बॉलीवुड की ना केवल सिर्फ एक शानदार अदाकारा थी बल्कि वह अपनी खूबसूरती के लिए भी सुर्खियों में रहती थी. उन्होंने 50 और 60 के दशक में कई कलाकारों के साथ काम किया है लेकिन यह बात जानकर हैरानी होगी कि बचपन में नरगिस को एक्टिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी. यहां तक कि उनके घर में मां जद्दन बाई के अभिनेत्री और फिल्म निर्माता होने के कारण फिल्मी माहौल तो था ही लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें अभिनय से कोई पसंदिगी नहीं थी.नरगिस का असली नाम कनीज फातिमा राशिद था.कई अभिनेत्रियों ने हिंदी सिनेमा की प्रथम महिला कही जाने वाली अभिनेत्री नरगिस की जगह भरने की कोशिश तो की लेकिन वह उस कोशिश में कामयाब नहीं हो पाई.नरगिस फिल्मी दुनिया के साथ-साथ अपनी प्रेम कहानी को लेकर भी चर्चित रही, क्योंकि उन्होंने जिसे भी चाहा उनके लिए पूरी तरह समर्पित रहीं. आज नरगिस के जन्मदिन के खास मौके पर हम उनकी फिल्मी कैरियर से लेकर उनकी प्रेम कथा तक पुरानी यादों के पिटोरी को खोलेंगे.

Nargis

नरगिस की फ़िल्मी करियर

1935 में आई फिल्म तलाश-ए -हक में नरगिस महज 5 साल की उम्र में ही नजर आई थीं,लेकिन एक पूर्ण अदाकारा के रूप में वर्ष 1942 में फिल्म तमन्ना फिल्मों में उन्होंने आगाज किया.1940 से लेकर 1950 के बीच नरगिस ने कई बड़ी और हिट फिल्मों में काम किया.उन्होंने आवारा, बारासत, दीदार और श्री 420 जैसी हिट फिल्मों में काम किया था. कहा जाता हैं कि अभिनेता राज कपूर से उनकी प्रेम की शुरुआत इन्हीं फिल्मों के दौरान हुई थी.राज कपूर और Nargis की प्रेम कहानी किसी से छिपी नहीं है. हालांकि उनका यह रिश्ता अंजाम तक नहीं पहुंचा,क्योंकि राज कपूर शादीशुदा और बच्चे के पिता थे.जिस कारण नरगिस ने राज कपूर से दूरी बना ली. जिसके बाद ही उनके जीवन में सुनील दत्त आते हैं.बात है फिल्म “मदर इंडिया” की जब पहली बार दोनों ने एक साथ फिल्मों में काम किया था.यहां भी हैरानी की बात है कि फिल्म में नरगिस ने सुनील दत्त की मां का किरदार निभाया था. सभी जानते हैं कि सुनील दत्त ने फिल्म के सेट पर किस तरह से अपनी जान जोखिम में डालकर नरगिस की जान बचाए थे और यहीं से शुरुआत होती है इनकी प्रेम कहानी का आगज़.

nargis

सुनील दत्त के प्रति नरगिस का प्रेम

किश्वर देसाई अपनी किताब “द टू लव स्टोरी ऑफ नरगिस एंड सुनील दत्त “में लिखे हैं कि “वह बेड के पास बैठी थी और उन्हें यह एहसास हुआ कि किस तरह उसने हिम्मत दिखाई और आग से बाहर निकाला.एक लंबा वक्त बीत गया था जब किसी ने उनके लिए कोई बलिदान किया था वह उन लोगों में थी जो हमेशा दूसरे के लिए करती थी चाहे वह अपने परिवार के लिए,या राज के लिए!” 9 साल के लंबे रिश्ते के बाद नरगिस को एहसास तो हो गया था कि राज उनके लिए कभी अपने परिवार को नहीं छोड़ेंगे. वही Nargis के परिवार ने हमेशा उन्हें पैसा बनाने की मशीन के बारे में सोचा. सुनील उनके जीवन में ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने उनसे सामान्य इंसान की तरह व्यवहार किया. मार्च 1958 में दोनों की शादी हो गई. दोनों के 3 बच्चे हुए संजय,प्रिया और नम्रता.

नरगिस को कैंसर की बीमारी थी. साल 1981 में कई माह में संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी रिलीज होने वाली थी. वह काफी उस वक्त बीमार चल रही थी लेकिन बेटे की पहली फिल्म देखने को भी Nargis बेचैन थी.उन्होंने संजू से कहा था कि उनकी तबीयत चाहे कितनी भी बिगड़ जाए भले ही उन्हें स्ट्रेचर पर भी ले जाना पड़े लेकिन वह फिल्म जरूर देखेंगी. हालांकि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि फिल्म 8 मई को रिलीज होनी थी लेकिन 3 मई को ही नरगिस ने दुनिया को अलविदा कह दिया.

Sushant Death Aniversary: सुशांत की पहली बरसी से पहले बहन श्वेता ने किया इमोशनल पोस्ट