सुशांत केस की जांच करने बिहार से गए IPS विनय तिवारी को क्वारंटाइन किया गया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुंबई पुलिस को फटकार लगाई थी. इसके बावजूद भी उन्हें छोड़ा नहीं गया है. बीएमसी का कहना है कि पुलिस इंस्पेक्टर को कोरोना वायरस का टेस्ट कराना होगा. रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी. इस पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने गुस्सा जाहिर कर कोर्ट जाने तक की बात कह दी.
सर्वोच्च न्यायलय की नहीं है कोई परवाह- डीजीपी
डीजीपी ने IPS विनय तिवारी को हाउस अरेस्ट करने पर बात रखते हुए बताया- पटना ईजी ने क्वारंटाइन के खिलाफ लिखते हुए बीएमसी के चीफ को पत्र सौंपा था. जिसमें इंस्पेक्टर को छोड़ने का आग्रह किया गया था. किंतु बीएमसी ने इस बात की अनुमति नहीं दी. जिस कारण उन्हें 14 दिन कैद में बिताने पड़ेंगे और यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है.
डीजीपी ने अफसोस जताते हुए ट्वीट में लिखा- सुप्रीम कोर्ट के क्वारंटाइन को गलत कहने पर भी बीएमसी ने बिहार से आईपीएस अफसर विनय तिवारी को मुक्त नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट की भी फिक्र नहीं करते. सवाल उठाते हुए बोले- अब इसको आप क्या बोलेंगे? इसी को लेकर अब वह अदालत का दरवाजा खटखटाने की सोच रहे और महाधिवक्ता की सलाह लेकर ही अपने फैसले के अनुसार कदम उठाएंगे.
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सीबीआई जल्द ही शुरू करेगी जांच
सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए सुशांत मामले की जांच पड़ताल सीबीआई के हाथों सौंप दिया था. इसका नोटिफिकेशन भी केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जा चुका है. सीबीआई अब शिकायत दर्ज कर जल्द ही तहकीकात शुरू करेगी. साथ ही बिहार पुलिस से मामले का पूरा विवरण ले सकती है. इसके अलावा एडवोकेट विनीत ढांडा ने दिशा सालियान केस की जांच होने पर भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.