सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने बॉलीवुड में एक अलग तरह की क्रांति (Boycott Nepotism) शुरू कर दी है. नेपोटिज्म, मूवी माफिया और गुटबाज़ी के गाहे-बगाहे उठने वाले मुद्दे पिछले डेढ़ महीने से हर सिनेप्रेमी की बहस का मुद्दा बना हुआ है. और इसकी जद में घिर चुके हैं बॉलीवुड के तमाम बड़े प्रोडक्शन हाउसेस और स्टार्स, जिन्हें नेपोमाफिया या नेपो किड्स माना जा रहा है. आलम यह है कि करण जौहर, आलिया भट्ट, यशराज, धर्मा, सलमान और शाहरुख़ जैसे बड़े स्टार्स सीधे-सीधे सुशांत के चाहने वालों के निशाने पर आ गए हैं. कईयों ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के गुस्से का शिकार होने से बचने के लिए सोशल मीडिया तक छोड़ दी और कुछ ने अपने कमेंट्स बॉक्स ऑफ कर दिए.
सुशांत के लिए न्याय की मांगो से पट चुके सोशल मीडिया और तमाम बड़ी ख़बरों के बीच दो घटना ऐसी हुई जो बॉलीवुड में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं. यह भी संयोग की बात है कि सुशांत के जाने के बाद जो दो बड़ी फिल्में सबसे पहले रिलीज को तैयार थी उनमें एक सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा थी और दूसरी नेपोटिज्म के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माने जा रहे प्रोडूसर करण जौहर की गुंजन सक्सेना-द कारगिल गर्ल. दिल बेचारा ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज होकर इतिहास बना चुकी है. ट्रेलर और गाने से लेकर सुशांत की आखिरी फिल्म को जिस तरह उनके चाहने वालों ने प्यार दिया उसने यूट्यूब से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स तक के सारे रिकार्ड्स ध्वस्त कर दिए.
अब वक़्त था दूसरी बड़ी फिल्म का. जैसा कि पहले से अनुमान था कि फिल्म से करण जौहर का नाम जुड़ने का खामियाजा कहीं ना कहीं फिल्म को भुगतना पड़ता, और हुआ भी कुछ ऐसा ही. ट्रेलर रिलीज के लिए इसका नया पोस्टर जारी होते ही सुशांत के चाहने वालों का गुस्सा फुट पड़ा. हालांकि इस बार पोस्टर बिना धर्मा प्रोडक्शन के क्रेडिट के नेटफ्लिक्स ओरिजिनल के टैगलाइन के साथ जारी हुआ पर सुशांत के फैंस भी कहां मानने वाले थे. धर्मा प्रोडक्शंस ने तो अपने सोशल हैंडल्स के कमेंट बॉक्स ऑफ रखे थे, पर बाकी एक्टर्स और पार्टनर कंपनियों के पोस्टर जारी करते ही नेपोटिज्म और बॉयकॉट (Boycott Nepotism) जैसे कमेंट्स की बाढ़ आ गयी. आलम यह रहा कि कईयों के पसंदीदा कलाकार इस फिल्म में होने के बावजूद वो इस फिल्म के बॉयकॉट का कमेंट करने लगे. जाह्नवी कपूर से लेकर अन्य सभी कलाकारों के सोशल हैंडल्स ऐसे कमैंट्स से भरे नज़र आये. सुशांत के प्रशंसकों के गुस्से का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म में अहम् भूमिका निभा रहे पंकज त्रिपाठी जैसे हरदिल अज़ीज़ अभिनेता के कमेंट बॉक्स भी ऐसे कमेंट से भर गए जिसमें लोग उनकी तारीफ़ करने के साथ-साथ उनसे हाथ जोड़कर फिल्म का बॉयकॉट करने के लिए माफ़ी भी मांग रहे हैं. रमन खन्ना नाम के एक यूजर ने लिखा – कालीन भईया माफ करो, ये हमसे नहीं होगा.
वहीं नीरज सोनी नाम के दूसरे यूजर ने लिखा – आपकी बड़ी इज्जत करते है त्रिपाठी जी, पर ये मूवी तो नहीं देखेंगे, बहुत हुआ इन नए नवेले चुजो का, साधुवाद !! फिल्म बॉयकॉट के ऐसे ही कई कमेंट्स जाह्नवी कपूर, अंगद बेदी, ज़ी म्यूजिक के सोशल पोस्ट्स पर भी देखने को मिले.
पर इन सबके बीच सबसे आश्चर्य की बात यह देखने को मिली कि फिल्म से जुड़े सभी लोगों के पोस्टर शेयर करने के बावजूद नेटफ्लिक्स ने अभी तक पोस्टर शेयर नहीं किया, जबकि अब तक वह अपने सारे प्रोजेक्ट्स को बढ़-चढ़ कर प्रोमोट करता रहा है. इस बात से यह अंदाजा लगाना कतई मुश्किल नहीं है कि सुशांत सिंह राजपूत कि मौत ने जिस नई क्रांति को जन्म दिया है वो सिनेमा उद्योग की दशा और दिशा दोनों बदलने वाला है.
-फिल्मेनिया डेस्क