-चंद्रकांता हो जाये अच्छी भी फसल, पर लाभ कृषकों को कहाँ. खाते, खवाई, बीज ऋण से हैं रंगे रक्खे जहाँ॥...
film review
– चंद्रकांता आज से अपना हिंदुस्तान आज़ाद होता है. 1954 की फिल्म बूट पॉलिश बच्चों की गरीबी, बेरोज़गारी, बाल श्रम...
-चंद्रकांता “बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां है, जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब...