– रूमा सिंह
अमिताभ बच्चन अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के दिल से कितने करीब है, वह किसी से छुपा नहीं. वह अक्सर अपने सोशल मीडिया पर फैंस के बीच अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता दोहराते हुए नजर आते हैं. लॉकडाउन के बीच एक बार फिर से अमिताभ बच्चन ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी कविता को साझा करते हुए लोगों तक विपत्ति की घड़ी में हौसला ना हारने की अपील की है. यह कविता अभी के हालातों पर सटीक बैठती है, जिस कारण उन्होंने अपने पिता की कविता को अपने प्रशंसकों के साथ साझा किया.
हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा रचित इस कविता का नाम है “अंधेरे का दीपक “जो आज की स्थिति को व्याख्यान करते हुए उम्मीद की किरण को दर्शाता है. जिनकी कुछ पंक्तियां इस प्रकार है-
“है अंधेरी रात पर,
दीवा जलाना कब मना है,
कल्पना के हाथ से कम,
नीय जो मंदिर बना है,
बिग बी ने मौजूदा हालात से जोड़ते हुए अपने पिता की कविता “अंधेरे के दीपक “को अपने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पोस्ट किया. कविता को साझा करते हुए उन्होंने इसका अंग्रेजी अनुवाद भी किया, साथ ही इसका भावार्थ बताते हुए कहा कि उम्मीद की भी एक किरण होती, जो मुश्किल हालातों में भी हमारे पास होती है, लेकिन हम उस पर ध्यान नहीं देते, बस कई बार हम नकरात्मकता के अंधेरे में उसे देखने की कोशिश नहीं करते. वही इस कविता पर उनके फैंस द्वारा काफी प्रतिक्रिया भी मिल रही है.