-दिव्यमान यती
बचपन से ही हमने रामायण, महाभारत, ॐ नमः शिवाय, देवों के देव महादेव जैसी टीवी धारावाहिकों के जरिये असुरों और देवताओं की कहानियों को देखा और सुना है. डिजिटल प्लेटफार्म वूट इसी कड़ी में असुरों की नयी गाथा लेकर आया है. वूट पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज ‘असुर’ इन पौराणिक कथाओं के असुर को आज के परिपेक्ष्य में दिखाता है.
एक साइको किलर की कहानी से सजी ये एक ऐसी क्राइम थ्रिलर सीरीज है, जो पौराणिक कथाओं से बहुत ही प्रभावित है. बचपन में उस साइको किलर के साथ हुए एक त्रासदी के बाद से वो खुद को असुर समझने लगता है. कहानी की शुरुआत ही एक ऐसे डरावने मर्डर से होती है जिसके तार कई और मर्डर से जुड़े होते हैं और पता चलता है कि यह किसी साइको किलर का काम है. इन सारे मर्डर की जांच सीबीआई कर रही होती है. अरशद वारसी जो सीबीआई ऑफिसर के किरदार में हैं वो इसकी जांच को लीड करते हैं. लेकिन कहानी में मोड़ तब आता है जब अरशद की पत्नी का इसी क्रम में मर्डर हो जाता है. इसका आरोप अरशद पर आता है और वो जेल चले जाते हैं. यहां एंट्री होती है अरशद के पढ़ाये स्टूडेंट वरुण सोबती की, जो उनके बाद इस केस की जिम्मेदारी लेते हैं. लेकिन मामला आगे और पेचीदा होता जाता है जब अरशद और वरुण आमने सामने होते हैं वजह होता है वो साइको किलर.
सीरीज की सबसे खास बात है कहानी के प्लाट का अपने आप में नया और यूनिक होना. काफी रिसर्च वर्क के बाद बारीकी से लिखी गयी इस कहानी का स्क्रीनप्ले भी उतना ही कसा हुआ है. जो पल भर के लिए भी आपको भटकने नहीं देता है. इन दोनों चीज़ों के अलावा जो बात सबसे ज्यादा ध्यान खिंचती है वो इसका बैकग्राउंड स्कोर, जो कहानी के साथ मेल खाता जरूरी बेचैनी और सिहरन पैदा करता है. इनमें तीनों मुख्य किरदारों का एक-दूसरे से जो संबंध है वो धीरे-धीरे बड़े ही रोचक तरीके से सामने आता है. सीरीज के निर्देशक ओनी सेन ने पौराणिक कथाओं के जिन असुरों को कलयुग के असुर में बदला है, वो दर्शकों की बेचैनी को बढ़ाने, फिर क्लाइमेक्स में शान्त करने और सीरीज खत्म होते-होते फिर से बेचैन कर जाने में पूरी तरह से सफल हुए हैं. साइको किलर को भले आप आधी सीरीज खत्म होने तक देख नहीं पाते फिर भी उसे हर वक़्त महसूस करते हैं. यही परफेक्ट निर्देशन का कमाल है.
अभिनय की बात करें तो सबसे प्रमुख चेहरे अभिनेता अरशद वारसी से पहले तारीफ करनी होगी उस चाइल्ड आर्टिस्ट की जिसने साइको किलर के बचपन का किरदार निभाया है. अपनी मासूमियत भरे चेहरे पर एक रहस्यमयी भाव को उसने जिस बखूबी से दर्शाया है उसका ये भाव किसी भी दर्शक के अंदर भय पैदा करने की काबिलियत रखता है. अरशद वारसी मंझे हुए अभिनेता हैं और वेब की दुनिया में उनकी यह शुरुआत शानदार हुई है. उन्होंने अपने काम को बखूबी निभाया है. टीवी सीरियल से पहले ही चर्चित हो चुके चेहरे वरुण सोबती ने भी अपने अभिनय से प्रभावित किया है. वो इस किरदार में पूरी तरह से डूबे हुए जान पड़ते हैं. शारिब हाशमी जो कि इससे पहले ‘फैमिली मैन’ जैसे सीरीज में दिख चुके हैं वो यहां भी अपने अंदाज से गुदगुदाते हैं. बाकी कलाकारों ने भी अपने हिस्से का काम बखूबी किया है.
असुर है तो एक काल्पनिक कहानी, लेकिन कई मायनों में हमें आज के परिवेश से परिचित कराती है. इस सीरीज में हर वो खासियत मौजूद है जो एक उम्दा क्राइम थ्रिलर की आवश्यक जरूरतें हैं. जब आप इसके क्लाइमेक्स की ओर बढ़ेंगे तो आपको एहसास होगा कि कहानी किस कदर अपने आप में यूनिक है. इस सीरीज की अपनी एक फिलॉसफी है जिसे देखने के बाद आप पूरी तरह से इत्तेफाक रखेंगे. यकीन मानिए आम कहानी से बिलकुल अलग पैनापन लिए इस वेब सीरीज के दीदार के बाद आप खुद को पूरी तरह संतुष्ट पाएंगे. हां! यह अलग बात है कि इस सीरीज की उतनी चर्चा नहीं हुई क्योंकि इसमें अरशद को छोड़ कोई चर्चित चेहरा भी नहीं. पर यकीनन आज जहां बिना सेक्स और गालियों के वेब सीरीज की कहानी पूरी नहीं होती वहीं ‘असुर’ ने अपने कंटेंट की वजह से सबका ध्यान खींचा है. कमियां ढूंढ़े तो कई निकल कर आ ही जाएंगी, लेकिन वो सारी इसके बेहतरीन कॉन्सेप्ट के आगे छिप जाती हैं. अगर आप रेगुलर क्राइम थ्रिलर से उकता गए हैं तो ये आपके लिए एक ट्रीट जैसी है. इसे देखते वक़्त अपने दिमाग को खुला रखियेगा और कोशिश कीजियेगा इसे एक बार में ही पूरा देख लेने की.
वैसे आज जहाँ पूरे देश में लॉकडाउन का दौर है, ऐसे में घर बैठे खालिश मनोरंजन के लिए इससे बेहतरीन शायद ही आपको कोई सीरीज मिले. तो उठाइये मोबाइल, और एक झटके में ही मिल लीजिये आज के असुरों से.