– दिव्यमान यती
कुछ खबरें ऐसी होती हैं जिन्हें हजम कर पाना मुश्किल होता है. बीते दिनों जब इरफान खान का निधन हुआ था तब भी हालात कुछ ऐसे ही थे लेकिन तब गिला-शिकवा इरफान सर से नहीं बल्कि ऊपरवाले से था कि क्यों इतनी जल्दी उन्हें हमसे दूर कर दिया. पर आज जो खबर मायानगरी मुंबई के गलियारे से आई है वो उस गीले-शिकवे के साथ-साथ असंख्य सवाल भी लेकर आई है. जो दर्द तब उठा था वो अब चुभने लगा है. इस बार शिकायत ऊपरवाले से नहीं बल्कि किसी अपने चहेते नीचेवाले से है लेकिन ये सवाल अब उससे पूछें भी तो कैसे? वो खुद उस ऊपरवाले के साथ सांठगांठ कर उसी के पास चला गया.
सुशांत सिंह राजपूत एक ऐसा लड़का जो पढ़ाई में मेधावी था. वो एआईईईई (AIEEE) ऑल इंडिया में 7वां रैंक लेकर आया था. अपने जुनून का रुख अपने ख्वाबों की ओर मोड़ कर वो अभिनय की दुनिया में कदम रखता है और सिर्फ कदम ही नहीं रखता अपनी मजबूत उपस्थिति भी दर्ज कराता है. टीवी की दुनिया में आने के बाद सुशांत वैसे ही चमके जैसे वो पढ़ाई में चमके थे. शायद ही कोई ऐसा टीवी दर्शक हो जो सुशांत को ना जानता रहा हो. धारावाहिक पवित्र रिश्ता ने टीवी की दुनिया में उन्हें सबसे सफलतम टीवी कलाकारों में शामिल कर दिया. ये जुनून यहीं तक नहीं रुका टीवी इंडस्ट्री में सेट करियर को छोड़ कर फिल्मी दुनिया की ओर जाना भी कोई आसान फैसला नहीं. लेकिन सुशांत रिस्क लेने में माहिर थे यही उनकी पहचान थी. फिल्मों की ओर बढ़ने पर ‘काई पो छे’ जैसी फिल्म के साथ बेहतरीन शुरुआत हुई. फिर धीरे-धीरे सुशांत इस क्षेत्र में भी अपनी मेहनत और लगन से बड़े-बड़े स्टार्स के बीच अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई. शुद्ध देसी रोमांस, डिटेक्टिव व्योमकेश बख्शी, पीके, एमएस धोनी, सोनचिरैया, छिछोरे जैसी फिल्मों ने ये बता दिया था कि बॉलीवुड में जल्दी ही एक और सितारा चमकने वाला है लेकिन किसे पता था यहां चमकने से पहले वो दूसरी दुनिया में चमकने चला जायेगा. धोनी के किरदार को पर्दे पर निभा कर करोड़ों के दिलों में जगह बना लिया. जितनी मोहब्बत धोनी से लोगों को थी फिल्म एमएस धोनी देखने के बाद उतना ही प्यार सुशांत ने भी पाया. सुशांत को देखने, सुनने और उन्हें फ़ॉलो करने वालों को सुशांत की ज़िंदगी और करियर एकदम शानदार दिख रहा था लेकिन तब तक जब तक उनके आत्महत्या की खबर नहीं आई थी.
धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ रिश्ता में उनकी कोस्टार रही अंकिता लोखंडे के साथ इनके मोहब्बत और फिर अलगाव की काफी चर्चाएं हुईं लेकिन सुशांत ने वो वक़्त भी निकाल लिया. उन सभी पर्सनल परेशानियों के बाद भी सुशांत का फिल्मी करियरतेजी से आगे बढ़ता रहा. वो और मजबूती से फिल्म इंडस्ट्री में काबिज होते रहे. फिर क्या वो बात रही है जो इन सारे भौतिक सुखों के होने के बावजूद उनकी बेचैनियां बढ़ाती रही? अभी तो खबर चली है कि उन्होंने ने आत्महत्या की है जो कि किसी के लिए भी पचा पाना मुश्किल है. सुशांत आज के अधिकतर युवाओं के लिए ऊर्जा के प्रतीक थे. वो इंटरव्यू और सोशल मीडिया पर भी हमेशा सकारात्मक बातें किया करते थे, आध्यात्मिक भी थे. सोशल मीडिया में अपने अध्यात्म प्रेम को अपने फैन्स से साझा करते रहते थे. उनके इस छोटे से लेकिन संघर्षपूर्ण सफर से युवा प्रेरणा ले रहे थे. बॉलीवुड को एक ऐसा चार्मिंग और टैलेंटेड अभिनेता मिला जिसमें मौजूदा फिल्मी जनरेशन को लीड करने क्षमता थी. लेकिन बस एक पल में ना जानें कितने ख़्वाब, कितनी उम्मीदें, कितनी चाहतें दफ़्न हो गईं. सुशांत के मौत की कई कहानियां, कई पहलू बाहर आएंगे. चर्चाएं होंगी, बहस होंगे, कई सारे सवाल होंगे, लेकिन इन सारी तमाम चीजों के बीच अगर कोई नहीं होगा तो वो है सुशांत.
ये भी पढ़ें : लौट आओ सुशांत भाई- तुम्हारा चिंटू
5 thoughts on ““अंदाजा नहीं किसी को, कौन कितना खामोश है.””
Comments are closed.