– दिव्यमान यती
साल 1999 में 21 मई को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने एक फिल्म आई थी. उन्हें उस फिल्म की सफलता की उम्मीद तो रही ही होगी लेकिन उन्होंने ने ये नहीं सोचा होगा कि इस फिल्म कि चर्चा 20 सालों बाद भी होती रहेगी. आप अभी तक अनुमान नहीं लगा पाए? ‘जहर वाली खीर’ से कुछ याद आया? अब तो समझ जाइये, आज के जनरेशन का बच्चा-बच्चा ठाकुर भानु प्रताप सिंह को जानता है ‘जहर वाली खीर’ की वजह से. हां अभी तक जो माहौल बन रहा था वो फिल्म सूर्यवंशम के लिए. 1999 में बनी फिल्म सूर्यवंशम आज के जनरेशन की पसंद क्यों बनी हुई है? जब यह फिल्म आयी थी तब कइयों के तो इस धरतीलोक पर आने की कोई योजना भी नहीं बनी होगी. लेकिन फिर भी ये फिल्म उनके लिये खास है.
आखिर क्यों है इतनी खास?
जो पहली सबसे खास वजह है वो है सेट मैक्स जो अब सोनी मैक्स हो चुका है उससे इस फिल्म का खास रिश्ता.
अब आप कहेंगे ये रिश्ता क्या कहलाता है? आखिर क्यों ये फिल्म इस चैनल पर रिकॉर्डतोड़ दिखाई जाती है? तो मैं बताता हूँ इसके पीछे की कहानी. दरअसल बात ऐसी है कि सेट मैक्स (सोनी मैक्स) चैनल भी उसी साल लांच हुई थी जिस साल सूर्यवंशम रिलीज हुई थी. सेट मैक्स चैनल ने इस फिल्म के 100 साल के राइट्स खरीद रखे हैं. ये कोई आम बात थोड़ी है, वजह यही है इसका बार-बार सेट मैक्स पर प्रसारण होना. एक तरह यूँ कहें कि सूर्यवंशम इसके घर का परमानेंट सदस्य है जिनके कारण उसका दिखते रहना लाज़िमी है.
अब बात करते हैं दूसरी खास वजह के बारे में तो वो है ‘जहर वाली खीर’, अगर आपने सूर्यवंशम देखी हो तो आपको ठाकुर भानु प्रताप सिंह और उनके पोते के बीच का जहर वाली खीर खाने का सीन याद ही होगा, वैसे तो कइयों के लिए ये फिल्म ही रटी-रटाई है. उस सीन में भानुप्रताप के जहर वाली खीर खाने के बाद खून की उल्टी, यह उस वक़्त भले ही दर्शकों रुला देता हो लेकिन आजकल यही सीन दर्शकों को हंसाता है जिसके पीछे एक खास रोल है मीमर्स का. इस सीन को नये और कॉमिक अंदाज में पेश करते हैं ये मीमर्स. इस सीन पर आज भी अनगिनत मीम्स बनते हैं और लोग उसका पूरा मजा भी लेते हैं. लेकिन इसके इतर इस फिल्म को लेकर और भी कई बातें हैं जो आपको जाननी चाहिए.
ये फिल्म एक तमिल फिल्म की हिंदी रीमेक थी. इस कहानी पर अलग-अलग वर्ष में कुल चार भाषाओं में फिल्में बनी. ओरिजनल फिल्म 1997 में बनी थी उसमें सरथ कुमार और देवयानी ने काम किया था. फिर ये फिल्म तेलुगु में भी बनी वर्ष था 1998, उसमें दग्गुबत्ती वेंकटेश और मीना दुरईराज ने काम किया था. तीसरी अमिताभ बच्चन वाली सूर्यवंशम नाम से थी और चौथी बनी थी कन्नड़ भाषा में वर्ष था 2000 और नाम था सूर्यवंशा, जिसमें विष्णुवर्धन और ईशा कोप्पिकर ने अभिनय किया था. हिंदी में बनी सूर्यवंशम बंगाल में ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. उस समय के फिल्म पूरे सौ दिन तक वहां के मेट्रो सिनेमा में चली थी. इस फिल्म का उस वक्त बजट था 7 करोड़ और इस फिल्म ने कुल 12.65 करोड़ की कमाई की जो अब के समय में लगभग 100 करोड़ के आस-पास होगा.
इस फिल्म से जुड़ी कुछ और दिलचस्प बातें हैं जो मैं आपको बताना चाहता हूं. इस फिल्म की अभिनेत्री सौंदर्या जिन्होंने हीरा ठाकुर की पत्नी का किरदार निभाया था वो साउथ इंडस्ट्री की एक सफल अभिनेत्री थीं. सूर्यवंशम उनकी इकलौती हिंदी फिल्म थी. इसके अलावा उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ मलयालम भाषाओं में करीब 100 फिल्में की. कई साउथ की फिल्मफेयर अवार्ड भी जीते. लेकिन दुर्भाग्य से 31 वर्ष की अल्पायु में ही उसकी मृत्यु एयरक्राफ्ट क्रैश के कारण हो गयी.
सूर्यवंशम की कहानी विक्रमन ने लिखी थी और यही इसे डायरेक्ट करने वाले थे लेकिन बाद में इसका डायरेक्शन ईवीवी सत्यनारायणन से कराने का निर्णय लिया गया. एक दिलचस्प कहानी यह भी रही कि पहले हीरा ठाकुर के लड़के के किरदार में अभिषेक बच्चन को लिया जाना था लेकिन बाद में अमिताभ बच्चन से ही दोनों किरदार निभाने की योजना बनाई गई और ये योजना काफी सफल भी रही. अमिताभ बच्चन का टीकाधारी लुक इतना चर्चित हुआ कि आगे मोहब्बतें फिल्म में उन्हें उसी तरह का लुक दिया गया.