
सुशांत सुसाइड केस में लगभग 1 महीने से जांच पड़ताल चल रही है. इस केस में पुलिस हर तरफ से अपनी छानबीन कर सुराग जुटाने की कोशिश में लगी है. अब तक इस केस में 35 से अधिक लोगों का बयान दर्ज हो चुका है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं लेकिन पुलिस के हाथ अब तक कोई भी इस केस से जुड़े सबूत नहीं लगी है. इसी कड़ी में अब यशराज फिल्म के डायरेक्टर और मालिक Aditya Chopra से पूछताछ की गई है. जिसमें आदित्य ने सुशांत से जुड़े कई अहम राज का खुलासा किया है. आदित्य ने अपने बयान में सुशांत के साथ कभी भी नेपोटिज्म न होने का दावा किया है. साथ ही उन्होंने शेखर कपूर के बयान के बारे में भी बात की.

शेखर कपूर के बयान को बताया गलत
Aditya Chopra ने सुशांत केस में शेखर कपूर के बयान के बारे में भी बात किया. उन्होंने कहा कि शेखर कपूर ने फिल्म पानी से जुड़े जो भी बयान दिए हैं, वो गलत है. उन्होंने कहा कि फिल्म पानी के बंद होने से सुशांत कभी भी डिप्रेस्ड नहीं हुए थे. आपसी सहमति से इस फिल्म के कांट्रेक्ट को बंद किया गया था. आपस में कभी भी इसको लेकर मतभेद नहीं था. आदित्य चोपड़ा ने संजय लीला भंसाली के फिल्म के बारे में बात कहीं. उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली की फिल्म रामलीला के लिए सुशांत को 2013 के नवंबर दिसंबर अप्रोच किया गया था और यशराज की फिल्म पानी के लिए अप्रैल 2013 में. भंसाली के फिल्म को लेकर सुशांत ने कभी भी हमसे बात ही नहीं की. सुशांत तो हम से कॉन्ट्रैक्ट में बंधे हुए थे फिर भी हमने उन्हें धोनी फिल्म करने की इजाजत दी. तो हम भंसाली के फिल्म करने से सुशांत क्यों मना करते? अंत में उन्होंने कहा कि शेखर कपूर ने जो भी बयान दिया है सारे बयान गलत है.

नेपोटिज्म को लेकर की बात
Aditya Chopra ने अपने बयान में कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में सुशांत के साथ कभी भी नेपोटिज्म नहीं हुई है. ना ही उनके कैरियर में किसी ने रुकावट पैदा की है. आज जो भी कह रहे हैं कि सुशांत नेपोटिज्म या ग्रुपिज्म का शिकार हो गए थे, तो मेरी जानकारी में उनके साथ कभी भी ऐसा नहीं हुआ है. मालूम हो कि उनके निधन के बाद से ही यशराज फिल्म पर आरोप लगाए जा रहे थे, लेकिन अब आदित्य चोपड़ा के बयान को देखें तो उनका कहना है कि कभी भी सुशांत के साथ भेदभाव नहीं किया.
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वहीं शेखर कपूर ने सुशांत के निधन को लेकर आदित्य चोपड़ा पर आरोप साधा था. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि फिल्म पानी के बंद होने से सुशांत काफी डिप्रेस्ड हुए थे. उसके बाद से ही उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में पराया जैसा बर्ताव किया जाने लगा. फिल्में मिलना बंद हो गई. घंटो-घंटो तक वह मेरे से फोन पर बात करते हुए रोता था.