प्रवासी मजदूरों के लिए किसी फ़रिश्ते से कम नहीं सोनू सूद
-फिल्मेनिया टीम
यूं तो बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद रील लाइफ में अधिकतर विलेन के किरदार में नज़र आते हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के इस काल में वो रियल लाइफ हीरो बन कर उभरे हैं. जब मुंबई में कोरोना अपने पैर जमा रहा था तब कोरोना वारियर्स का काम भी बढ़ गया था. इसी बीच कई जगह से खबरें आ रही थीं कि कोरोना वारियर्स के साथ उनके बिल्डिंग वाले बुरा व्यवहार कर रहे हैं उन्हें बिल्डिंग में घुसने नहीं दे रहे. तब सोनू सूद ने मुंबई के जुहू में स्थित अपने होटल को कोरोना वारियर्स के लिए खोल दिया. वहां उनके रहने की सारी व्यवस्था करवा दी. उन्होंने कहा था कि कोरोना वारियर्स कभी भी उनके होटल में रहने और सोने आ सकते हैं.
इसके बाद भी सोनू सूद का सेवा कार्य जारी रहा अपने पिता के नाम से एक स्कीम चला कर प्रतिदिन लगभग 42 हजार लोगों को खाना खिलाते रहें. रमजान शुरू होने पर इस पाक महीने में लगभग 25 हजार लोगों को खिलाने के प्रबंध किया. इस सभी के लिए स्पेशल मील किट्स तैयार कराए ताकि रोजा रखने के बाद शाम को किसी भी रोजेदार को भूखा ना सोना पड़े. इसका लाभ यूपी, बिहार, बंगाल, कर्नाटक आदि जगहों के मजदूरों को भी मिलता रहा.
जब मुंबई से मजदूरों का पैदल पलायन शुरू हुआ तब भी सोनू सूद उनकी मदद के लिए आगे आये और कर्नाटक के मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए बसों का प्रबंध किया फिर इसी तरह बिहार और यूपी के लिए बसें चलवाने लगे. उन्होंने कहा कि जब तक मजदूरों का ऐसे पैदल जाना रुकता नहीं तब तक वो उनके लिये बसें चलाते रहेंगे. सोनू सूद के इन प्रयासों की बॉलीवुड ही नहीं पूरे देश में चर्चा हो रही है. सभी उनके इस योगदान की तारीफ भी कर रहे हैं.