
महत्वाकांक्षा जिंदगी के लिए जरूरी हो सकती है पर जिंदगी नहीं हो सकती’. बॉलीवुड और टेलीविजन अभिनेत्री sheetal pandya ने खिलखिलाते हुए फलसफों से भरी यह लाइन कही तो आँखों के आगे बरबस ही हरदिल अजीज काजोल का चेहरा सामने घूम गया जिसने कुछ ऐसे ही फलसफों के साथ कभी कामयाबी के चरम पर होते हुए भी अपनी खुशियों के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार कर दिया था. कुछ ऐसा ही नजरिया लिए अपने सपनें, महत्वाकांक्षाओं, कामयाबी और जिंदगी की खुशियों के साथ तारतम्य बिठाती शीतल ने फिल्मेनिया के गौरव से बातचीत में अपनी जिंदगी के कई सारे पहलुओं को बेबाकी से साझा किया. झिलमिल सितारों का आंगन होगा, उड़ान, चिड़ियाघर, तू सूरज मैं सांझ पिया जी जैसे डेलीशोप्स के साथ हिंदी, गुजराती, और कन्नड़ फिल्मों में अपनी खासी पहचान बनाने वाली शीतल अपनी कामयाबी का जितना श्रेय खुद की मेहनत और टैलेंट को देती हैं, उतना ही श्रेय अपने मां-पापा और फैमिली को भी देती हैं.
– शुरुआत यहीं से करते हैं, मुंबई में जन्म हुआ, यहीं पढाई-लिखाई हुई, बावजूद इसके इतना स्ट्रगल. ऐसा क्यों ?
– सच कहूं तो मैं खुद को इस बात से ही खुदकिस्मत मानती हूं कि परिवार से इस फील्ड का दूर-दूर तक नाता नहीं होने के बावजूद मैं यहां सफलता पा गयी. लोग मानें या ना मानें, पर हकीकत यही है कि आउटसाइडर होने की वजह से स्ट्रगल अपने आप दोगुना हो जाता है. आप ज्यादा टैलेंटेड हो सकते हो पर उसे प्रूफ करने के लिए स्ट्रगल ही एक मात्र रास्ता बचता है. मैं तो अपनी फैमिली के आजादख्याली के लिए शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने कभी मेरे सपनों पर बंदिशें नहीं लगाई, वरना ये सफर तो मैं कभी तय ही नहीं कर पाती.
– फैमिली की बात चली है तो कुछ उनके बारे में भी बताएं.
– मैं एक गुजराती फैमिली से हूं. और अगर आपने गुजराती फैमिली को ऑब्जर्ब किया हो तो शायद आपको पता होगा कि गुजराती लोग अपनी फैमिली को लेकर काफी प्रोटेक्टिव होते हैं, खासकर अपनी लड़कियों को लेकर. लेकिन मेरी खुशकिस्मती थी कि मेरा परिवार बच्चों को लेकर प्रोटेक्टिव होने के बावजूद काफी मॉडर्न ख्यालों वाला था. खासकर मेरे पापा. मुझे बचपन से डांस का शौक था आप इस बात से अंदाजा लगाइये कि डांस के लिए मेरा रुझान देखकर पापा मेरे लिए घर में टेप रिकॉर्डर ले आये और खुद भी मेरे साथ डांस करते. मेरे लिए चीजें वहीं से शुरू हो गयी. फैमिली सपोर्ट आपको पैशन की ओर और ताकत से भागने का हौसला दे देता है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ.

– मैंने आपके डांस के कुछ वीडिओज़ देखें हैं, यकीनन आपके नृत्य में भी आपकी आवाज के जैसी ही खनक है कुछ इस डांस पैशन के बारे में बताएं.
– ( बातों में फिर से एक स्वाभाविक खिलखिलाहट उभर आती है ) डांस का शौक बहुत छुटपन से था मैंने बॉलीवुड, सेमीक्लासिकल और फोक डांस की ट्रेनिंग भी ले रखी है. डांस के पैशन का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मैंने अपना पहला स्टेज परफॉरमेंस पांच साल की उम्र में दिया था. बचपन में डांस कम्पीटीशन्स में मैं हमेशा फर्स्ट आती थी तो कह सकते हैं डांस मेरा पहला प्यार था जो आगे जाकर मुझे अभिनय की दुनिया में खींच लाया. अब तो मैंने डांस का अपना यूट्यूब चैनल भी बना लिया है. – आपके यूट्यूब चैनल और भविष्य की योजनाओं पर भी बात करेंगे, पहले अपने अभिनय की शुरुआत का कुछ किस्सा बताइये ? – अभिनय का चस्का मुझे कॉलेज जाकर लगा. स्कूल लाइफ तो बस डांस परफॉरमेंस के आस-पास ही गुजरा. पर अभिनय से जो पहला राब्ता था वो मुझे मीठीबाई कॉलेज जाकर मिला. डांस और ड्रामेटिक एक्सपोज़र को लेकर मैं हमेशा से मीठीबाई कॉलेज जाना चाहती थी. मीठीबाई कॉलेज की सबसे खास बात है उसका कल्चरल विंग. खासकर गुजराती विंग. वहां जाकर मुझे थिएटर और प्ले को करीब से जानने का मौका मिला. वहां मैंने इप्टा, नेशनल थिएटर्स और कॉलेज कल्चरल फंक्शन में हिस्सा लेना शुरू किया. एनएम कॉलेज के कल्चरल फेस्ट उमंग में पार्टिसिपेट किया और दो साल मिस उमंग बनी. मीठीबाई में ही मुझे मेरा पहला कमर्शिअल प्ले मिला जो गुजराती में था, हरख पदुडी हंसा. गुजरात के बहुत बड़े निर्देशक के इस प्ले में मुझे बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला. इसके बाद मैंने कुछ-कुछ जगहों पर ऑडिशन देने शुरू किये.
– आगे का सफर कैसा रहा ?
– कॉलेज में तो काफी नाम कमा लिया था तो लगा बाहर निकलते ही इंडस्ट्री मेरा वेट कर रही होगी. पर रेगुलर ऑडिशन में मिल रहे रिजेक्शन ने मुझे जमीन पर ला दिया ( हंसती हुई ). तब लगा अभी और इम्प्रोवाइजेशन की जरुरत है, फिर खुद पर मेहनत के साथ-साथ ऑडिशन का सिलसिला जारी रहा. फिर मुझे मिला टीवी का मेरा पहला ब्रेक, राजश्री प्रोडक्शन का डेलीशोप ‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा’. पहले ही ब्रेक में इतने बड़े प्रोडक्शन के साथ काम का अलग ही आनंद था. तकरीबन सात-आठ महीने तक मैंने ये शो किया. इस बीच दो-तीन डेली सोप साइन किये पर वो कभी ऑन एयर नहीं हुए. इसके बाद का एक-डेढ़ साल काफी मुश्किल भरा था. मेरे हाथ में कोई काम नहीं था. काफी डिसअप्वाइंटेड थी, पर खुद से ज्यादा फैमिली के लिए, जो मेरी परेशानी की वजह से परेशान थे. चूंकि वो इस फील्ड से नहीं थे तो वो भी कुछ समझ नहीं पा रहे थे. इतनी परेशानियों के बाद मुझे बिग मैजिक के लिए एक शो मिला, पर अपने किरदार से संतुष्ट नहीं होने की वजह से वो शो भी मैंने तीन-चार महीने में ही छोड़ दिया. पर उस शो को छोड़ने के एक हफ्ते बाद ही मुझे एक ऐसा शो मिला जिसने मेरे करियर को नई ऊंचाई दे दी. वो शो था उड़ान. कलर्स चैनल पर प्रसारित उस शो की और मेरे किरदार की कामयाबी के बाद तो अबतक पीछे मुड़कर नहीं देखा. फिर आगे जाकर ‘चिड़ियाघर’ मिला जिसने एक अलग पहचान दी.
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– गुजराती ब्लॉकबस्टर ‘चल मन जीतवा जइये’ की कुछ बात.
– चल मन जीतवा जइये सिनेमा के लिहाज से मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है. हैट्सऑफ ग्रुप जिनके साथ मैं पहले भी काम कर चुकी थी, वहीं के एक डायरेक्टर दीपेश शाह की ये फिल्म है. फिल्म गुजरात की ब्लॉकबस्टर थी और मुंबई के थिएटर्स में भी सौ से ज्यादा दिन चली थी. इस फिल्म का मेरा अनुभव वाकई यादगार था. अभी इसके दूसरे पार्ट पर भी काम चल रहा है.
– इस इंडस्ट्री के लिए आप एक आउटसाइडर हैं, कितना चैलेंजिंग होता है बिना किसी गॉडफादर के यहां सर्वाइव कर पाना.
– परेशानी तो होती है. हम जैसों का ज्यादा समय और एनर्जी तो सही प्लेटफार्म की तलाश में ही निकल जाता है. और सही-गलत की जबतक पहचान हो पाती है तबतक एक उम्र बीत चुकी होती है. मैं तो फिर भी मुंबई की पली-बढ़ी हूं, जब उनका सोचती हूं जो बाहर से यहां अपनी जगह बनाने आते हैं तो लगता है उनकी तुलना में मेरा स्ट्रगल कुछ भी नहीं है. मुझे तो हमेशा से ये पता होता था दिन भर कितनी भी भागदौड़ कर लूं शाम को लौटकर मां के हाथ का खाना मिल जाना हैं पर बाहर से आने वालों का क्या ? ये सब सोचकर ही मेरी नजर में उनकी इज्जत बढ़ जाती है.

-अब एक अहम सवाल, बचपन का ख्वाब, कामयाबी और कामयाबी का वो पैशन, ये सब ऐसी बातें हैं जिनके लिए लोग दुनिया भर की खुशियां छोड़ देते हैं, फिर सफलता और फेम के इतने करीब होकर उसे एन्जॉय करने के बजाय आपने आगे की एक अलग राह क्यों चुन ली.
– ( हँसते हुए ) आप शादी की बात कर रहे हैं. देखिये जहां तक करियर की बात है तो मैं यह फील्ड छोड़ नहीं रही. हां बस इतना है खुद के लिए खुशियों की एक नयी वजह मिल गयी है. आपको पता ही है यह लव मैरिज है. अब चूँकि वो यूके में हैं तो उस प्यार के लिए थोड़ा सैक्रिफाइस तो बनता है. शायद प्यार ही है जिसने ये जोखिम लेने की हिम्मत दे दी. और मैं हमेशा से इस थॉट के साथ जीती रही हूं कि महत्वाकांक्षा जिंदगी के लिए जरूरी तो हो सकती है, पर जिंदगी नहीं हो सकती. ओवर एम्बिशन से परे जिंदगी में खुशियों के और भी मायने हैं. और फिर पैशन पीछे ना छूटे इसलिए मैंने अपना डांस का यूट्यूब चैनल बना लिया है, ताकि जहां भी रहूं कुछ नया, कुछ बेहतर करती रहूं.
– भविष्य की बहुत सारी शुभकामनाएं रहेंगी, चलते-चलते अपने यूट्यूब चैनल के बारे में भी बता दीजिये.
– जैसा कि मैंने बताया अपने पैशन को हमेशा अपने साथ रखने के लिए मैंने अपना यूट्यूब चैनल बनाया है. भविष्य में डिजिटल मीडिया के जरिये ही कुछ बड़ा करने का सोचा है. डांस के वीडिओज़ डालती रहती हूं. जिसे भविष्य में काफी प्रोफेशनल तरीके से विस्तार देने की सोच रही हूं.
