Sat. Apr 20th, 2024

It’s All About Cinema

Jagdeep/ कॉमेडियन जगदीप से सुरमा भोपाली बनने तक का किस्सा

1 min read
Jagdeep

Jagdeep


जब -जब बात बॉलीवुड कॉमेडियंस की आती है, तो सबके जेहन में एक नाम जरूर आता है, वह है सुरमा भोपाली का. आज हमें बहुत दुख है कि वह चेहरा अब हमारे बीच नहीं रहा. जो अपने हंसते हुए चेहरे से सभी के चेहरे पर मुस्कान ला देता था. फिल्मी जगत में सुरमा भोपाली (jagdeep) एक ऐसा नाम था, जो अपने निभाए गए किरदार से दर्शकों के दिल पर राज करता था. आज उसने भले हम सबको अलविदा कह दिया हो, लेकिन वह मुस्कुराता चेहरा उनके दर्शकों के बीच यादगार के तौर पर हमेशा बना रहेगा. आज सुरमा भोपाली को स्मरण करते हुए हम उनके जीवन व फिल्मी करियर से जुड़े उन पलों को जानेंगे जो बेहद खास है. यह चेहरा तो हमने पर्दो पर हमेशा हंसते मुस्कुराते हुए देखा है, लेकिन आज हम उनके मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे सिमटे जीवन परत दर परत पर गौर करेंगे.

jagdeep

फिल्म शोले से मिली पहचान

29 मार्च 1949 में जन्मे सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी उर्फ जगदीप (jagdeep) ने अपने फिल्मी कैरियर का आगाज 1951 में आई फिल्म अफसाने से की थी. हालांकि उन्हें इस फिल्म से कोई खास पहचान नहीं मिली. जगदीप ने अपने फिल्मी कैरियर में अनेक फिल्में की, लेकिन जिस फिल्म में उन्हें दर्शकों के बीच अनोखा व प्रसिद्ध बनाया, वह थी 1975 में आई फिल्म शोले. इस फिल्म ने मानो जगदीप के जीवन को ही पूरी तरह से बदल डाला हो. खासतौर पर उन्होंने इस फिल्म में सुरमा भोपाली का किरदार निभाया था. यह किरदार सिर्फ पर्दे तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि इस फिल्म में निभाए गए उनके किरदार ने दर्शकों के दिल में राज कर ली और तभी से Jagdeep नाम सुरमा भोपाली में तब्दील हो गया. और इसी नाम से वह फिल्मी जगत व दर्शकों के बीच जाने जाने लगे. अपने कॉमिक कैरेक्टर में नामी चोरों को पकड़वाने और खुद की तारीफ करने की जो अभिनय जगदीप ने की वह दर्शकों के दिल में उन्हें अमर कर गई. खास तौर पर फिल्म शोले का उनका यह डायलॉग “अल्लाह आप की तमन्ना पूरी करें, भोपाल होता तो हम वैसे ही आपको 2 मिनट में अंदर करवा देते. हमारा नाम सुरमा भोपाली है. “

जगदीप से सुरमा भोपाली तक बनने का सफर

एक इंटरव्यू में Jagdeep साहब ने अपने सुरमा भोपाली बनने तक का सफर बताया था, जो कि काफी दिलचस्प था. उन्होंने बताया कि बात है उन दिनों की जब मैं फिल्म सरहदी लुटेरा में एक कॉमेडियन के तौर पर काम कर रहा था और मेरे डायलॉग काफी बड़े थे तो मैं उस डायलॉग को लेकर सलीम के पास पहुंचा, तो सलीम ने कहा कि डायलॉग छोटा कराना है तो जावेद के पास जाओ. और जावेद के काम से मैं काफी प्रभावित भी हुआ. इसके बाद ही एक दिन जावेद और माँ साथ में बैठे थे उसी दौरान बात करते-करते भोपाल की भाषा पर बात होने लगी. इसके ठीक 20 साल बाद शोले फिल्म के लिए मुझे कॉल आया फिर वहीं से शुरू हुआ सुरमा भोपाली का सफर. देखा जाए तो Jagdeep ने इस फिल्म में सिर्फ अपनी पहचान ही नहीं बनाई बल्कि भोपाली जुबान से पूरी दुनिया को अवगत भी कराया है.

filmania youtube https://bit.ly/2UmtfAd

पंडित जवाहरलाल ने दिया था तोहफा

वैसे तो Jagdeep ने कई फिल्मों में बखूबी तरीके से किरदार को निभाया, लेकिन फिल्म ‘हम पंछी एक डाल के’ में उनके निभाए गए किरदार से पंडित जवाहरलाल इतने प्रभावित हो गए थे कि उन्हें तोहफे में एक स्टाफ देखरेख के लिए दे दिया था.

ये भी पढ़े

नहीं रहे जाने-माने कॉमेडियन जगदीप

फिल्म और मशहूर गाने

जगदीप ने लगभग 400 फिल्मों में काम किया है. कई फिल्मों में उन्हें मुख्य भूमिका के तौर पर भी देखा गया. आखरी बार जगदीप 2012 में रूमी जाफरी की फिल्म गली गली में चोर है में दिखाई दिए थे. वैसे तो जगदीप पर पुराने जमाने में कई गाने फिल्माए गए लेकिन फिल्म भाभी का गाना चली चली रे पतंग काफी मशहूर हुआ था.

अगर हम जगदीप जाफरी की जीवन की बात करें तो Jagdeep ने अपने जीवन में तीन शादियां की थी. एक्टर की पहली पत्नी का नाम नसीम बेगम, दूसरी पत्नी का नाम सुघ्र बेगम और तीसरी पत्नी का नाम नजीमा है. वही जगदीप के 6 बच्चे हैं लेकिन उनमें दो बेटे जावेद जाफरी और नावेद जाफरी आज बॉलीवुड का जाना माना नाम है. जावेद जाफरी बिल्कुल अपने पिता की तरह ही अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं.

jagdeep 1

अपने जमाने में बढ़िया फिल्म देने और बेहतरीन कॉमेडी करने के लिए जाने माने जगदीप जाफरी IIFA फिल्मफेयर अवार्ड से भी सम्मानित किए जा चुके हैं.

Ruma Singh.