जब Bihari Babu से नाराज हुए बिहारी कलाकार
1 min readअपने Bihari Babu ने कोयला खदानों में मजदूरों की दुर्दशा पर फिल्म बनानी की योजना बनाई .फिल्म में वो एक अहम किरदार में थे और साथ में राज बब्बर ,रागेश्वरी , अमजद खान जैसे कलाकार ने काम किया था. फिल्म का कंटेंट अच्छा था इसलिए फिल्म की काफी तारीफ़ हुई .लेकिन बिहार के कलाकार काफी नाराज हुए थे.
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बात तब की है जब अभिनय की शानदार पारी खेलने के बाद बिहारी बाबू ने फिल्म बनाने के लिए योजना बनाई और अपना प्रोडक्शन हाउस खोला .स्वय वो एक अच्छे अभिनेता रहे थे तो जाहिर था कि वो अच्छी फिल्म बनाते. बेतुकी कामर्शियल के दौर में उन्होंने कुछ अच्छी फिल्म बनाई भी.हालांकि इन तमाम फिल्मों को उनके भाई लखन सिन्हा ने प्रोड्यूस किया .जिसमें प्रेमगीत जैसी फिल्म शामिल है.
शत्रुध्न सिन्हा ने धनबाद के कोयला खदानों पर फिल्म बनाने की योजना बनाई . बिहार सरकार उन दिनों अपने यहाँ फिल्म पॉलिसी बना रही थी. फिल्मों को प्रोत्साहन दिया जा रहा था .उन दिनों बिहार-झारखंड का बंटवारा नहीं हुआ था. राज बब्बर ,रामेश्वरी ,अमजद खान जैसे कलाकारों को लेकर फिल्म की शूटिंग की शरुआत हुई .बिहार के ऊपर सिनेमा बन रहा था और बिहारी बाबू बना रहे थे तो जाहिर है एक उम्मीद बंधी बिहारी कलाकरों को कि उन्हें काम मिलेगा .काम तो दिया बिहारी बाबू ने पर वन लाइनर या टू लाइनर वाला काम दिया .वन लाइनर या टू लाइनर का मीनिग है कि एक लाइन या दो लाइन का संवाद मिलना .कहते हैं कि इस से बिहार के कलाकार काफी नाराज हुए और अपनी नाराजगी खुलेआम जाहिर भी की.
शत्रुघ्न सिन्हा खुद इस फिल्म में एक अच्छे किरदार में थे. फिल्म के कंटेंट की काफी तारीफ़ हुई .लेकिन बिहार के कलाकारों को कुछ नहीं मिला .बिहारी बाबू चाहते तो जरुर बिहार के कलाकारों को नोटिस लायक किरदार दे सकते थे .क्योंकि यह फिल्म कामर्शियल नहीं थी. एक तरह से इसे आर्ट फिल्म की श्रेणी में रखा गया .इसके गीत संगीत काफी फेमस हुए . लेकिन बिहार के कलाकार ठगे गये .बाद में उनकी कम्पनी ने फिल्म निर्माण करना छोड़ दिया.