Thu. Nov 7th, 2024

It’s All About Cinema

दुर्योधन और कर्ण के नजरिये से कहानी दिखाती है- महाभारत (mahabharat): द एपिक टेल

1 min read
mahabharat the epic tale

  • मुंबई से गौरव

भारत में शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसे महाभारत (mahabharat) की कहानी के बारे में नहीं पता. सबने टीवी, सिनेमा और थिएटर जैसे कई माध्यमों से इसके अलग अलग रूप देखें है. बावजूद इसके जब भी महाभारत की कहानी किसी नए स्वरुप में लोगों के सामने आती है लोग उसे उतना ही प्यार देते हैं जितना उन्होंने बी आर चोपड़ा की महाभारत को दिया था. कुछ ऐसी ही कहानी है बी आर चोपड़ा की महाभारत में दुर्योधन का किरदार निभाने वाले पुनीत इस्सर द्वारा लिखित और निर्देशित थिएटर प्ले महाभारत-द एपिक टेल की. देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके समय-समय पर मंचन ने इसे दर्शकों का चहेता बना दिया है और यही वजह रही कि मुंबई के सेंट एंड्रू ऑडिटोरियम में मंचन के दौरान एक बार फिर इस प्ले ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. तीन घंटे के मंचन के दौरान पूरे हॉल में गूंजती तालियां, भावनाओं का उमड़ता सैलाब और दर्शकों की गीली होती आँखें इस बात का गवाह रही कि मंच चाहे कोई भी हो, अगर लेखन और निर्देशन उम्दा हो तो महाभारत की कथा हर जगह दर्शकों को अपना बना लेती है.

mahabharat

देशभर में शो करने के बाद मुंबई में सफल मंचन

महाभारत- द एपिक टेल महाबली दुर्योधन और अंग नरेश कर्ण के दृष्टिकोण से महाभारत कथा को देखने का एक खूबसूरत प्रयास है, जिसे उम्दा लेखन और निर्देशन के साथ ही एक से बढ़कर एक बेहतरीन अभिनेताओं का साथ मिला. प्ले में दुर्योधन की भूमिका में स्वयं पुनीत इस्सर थे, जबकि कर्ण की भूमिका को जीवंत किया राहुल भूचर ने, जिनकी कंपनी फैलिसिटी थिएटर ने इसे प्रोड्यूसर भी किया हैं. उनके साथ ही महाबली भीम की भूमिका दानिश अख्तर, कृष्ण की भूमिका सिद्धांत इस्सर, सुरेंद्र पाल ने गुरु द्रोण, प्रणीत भट्ट ने मामा शकुनि और हरलीन रेखी ने द्रौपदी की भूमिका निभाई है. अभिनय के इन महारथियों के अलावा जो बात इस शो को खास बनाती है वो है इसकी मंच सज्जा, दृश्य संयोजन, लाइटिंग और बैकग्राउंड म्यूजिक. इन सबने मिलकर दर्शकों को किसी बड़ी फिल्म का एहसास दिला दिया. तकनीक के इस दौर में जब थिएटर प्ले भी किसी बड़ी फिल्म से कमतर नहीं होती, महाभारत-द एपिक टेल कंटेंट, अभिनय और तकनीक का इतना सुन्दर समायोजन है, जिससे आने वाले समय में काफी कुछ सीखा जा सकता है.

पंचायत 2 का आखिरी एपिसोड मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट: फैसल मलिक 

mahabharat

5 अगस्त को मंचित इस प्ले की सफलता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि तीन घंटे के शो की समाप्ति के बाद भी दर्शक अपनी सीट से जमे रहे और अभिनेताओं संग बातचीत में हिस्सा लिया. देश के विभिन्न हिस्सों में तकरीबन 80 शो का मंचन कर चूका यह प्ले जल्द ही भारत की भूमि से निकल कर अन्य देशों में भी अपनी लोकप्रियता का परचम फैलाने को तैयार है. बातचीत के दौरान अभिनेताओं ने बताया कि विदेशों में इसके मंचन से ना सिर्फ वहां के लोगों को महाभारत की जानकारी मिलेगी बल्कि हमारी इस सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को एक नए नजरिये से देखने-समझने का अवसर भी मिलेगा.

filmania youtube