-मुन्ना के. पाण्डेय लेखिका और कवयित्री अनामिका अपने उपन्यास ‘लालटेन बाज़ार’ में लिखती हैं “संबंधों की इतिश्री की बात करते...
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-पंकज भारद्वाज सिनेमा और साहित्य का बड़ा गहरा संबंध रहा है. साहित्य ने सिनेमा को आधार दिया, संवारा, वहीं सिनेमा...
– चंद्रकांता लोकप्रिय या पॉपुलर सिनेमा का काम मनोरंजन के अतिरिक्त समाज के यथार्थ को उघाड़ना और अपने समय के...
-चंद्रकांता ‘नीचा नगर’ ( lowly city ) चेतन आनंद द्वारा निर्देशित पहली हिन्दी फिल्म थी . यह फिल्म ‘बालीवुड फंतासी’...
-चंद्रकांता हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल कर इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल कर . सिनेमा हमारे...
-चंद्रकांता हो जाये अच्छी भी फसल, पर लाभ कृषकों को कहाँ. खाते, खवाई, बीज ऋण से हैं रंगे रक्खे जहाँ॥...
– चंद्रकांता आज से अपना हिंदुस्तान आज़ाद होता है. 1954 की फिल्म बूट पॉलिश बच्चों की गरीबी, बेरोज़गारी, बाल श्रम...
-चंद्रकांता “बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां है, जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब...
गौरव आँखों में सपने पालना बड़ी बात नहीं, बड़ी बात तो है आंखों में पल रहे उन सपनों को हकीकत...
-गौरव कौन कहता है आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों. और ये कोई...