-गौरव मन के हारे हार है मन के जीते जीत. वो कहते हैं न इंसान अगर एक बार कुछ कर...
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-दिव्यमान यति फ़िल्म मेकर्स को आज से शपथ लेनी चाहिए कि वो सिर्फ और सिर्फ इस समाज को प्रेम (सलमान...
गौरव कहते हैं कला की साधना ही इस क्षेत्र में पारंगत होने की पहली शर्त होती है, यहां कोई शॉर्ट...
-पुंज प्रकाश चरित्र होना और चरित्र बनना और चरित्र बनाना : तीनों अलग-अलग बात है. अभिनय पर गंभीरता से काम...
डॉ. एम. के. पाण्डेय इम्तियाज़ अली के सिनेमाई प्रयोग को परदे पर देखना दरअसल एक इंसान के भीतर के मानवीय...
-मुन्ना पांडेय एक बेहतर अभिनेता वह है जो अपने रचे हुए फार्म को बार बार तोड़ता है, उसमें नित नए...
-दिव्यमान यति कहते हैं धन हाथ लग जाए तो इंसान अपने आप को परम ज्ञानी मानने लगता है. फिर तो...
-मुन्ना के. पांडेय कल से “सुपर30” के टीजर पर भसड़ मची हुई है. मैं भी झटका खा गया कि एक्सेंट...
-मुन्ना के. पांडेय पचास का दशक हिंदी सिनेमा के इतिहास में ‘उम्मीदों भरा जमाना’ कहा जाता है. उस समय एक...
-गौरव सिनेमा में परदे पर दिख रहे नायकों से तो हर कोई वाकिफ होता है, पर असल नायक तो वो...