-दिव्यमान यती बचपन से ही हमने रामायण, महाभारत, ॐ नमः शिवाय, देवों के देव महादेव जैसी टीवी धारावाहिकों के जरिये...
film review
-चंद्रकांता ‘दुनिया की सभी औरतों एक हो जाओ तुम्हारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए...
-दिव्यमान यति अगर आपने बचपन में कॉमिक्स पढ़ा होगा तो महाडाइजेस्ट के स्वाद से आप बखूबी परिचित होंगे. महाडाइजेस्ट वो...
-पुंज प्रकाश जब जब आपका विश्वास हिंदी सिनेमा के स्टीरियोटाइप से ऊबने लगता है तभी कोई ऐसी फिल्म आ जाती...
-चंद्रकांता ए मालिक तेरे बन्दे हम, ऐसे हों हमारे करम नेकी पर चलें, और बदी से टलें, ताकि हंसते हुए...
-चंद्रकांता 1963 में बिमल रॉय की फ़िल्म बंदिनी आई. इस फ़िल्म का कथानक उन्होने प्रेम को चुना जहां एक डाक्टर...
-पुंज प्रकाश जो असहमति का जवाब तर्क के बजाए हिंसा और एसिड (मानसिक-शारीरिक और कैमिकल) से दे वो मानसिक रूप...
-गौरव सिनेमा दो तरह के होते हैं. पहला वो जो कमायी के जोड़-घटाव वाले समीकरण के खांचे में रखकर बनाया...
-पुंज प्रकाश सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर सही होना किसी भी सार्थक कला के मुख्य उद्देश्यों में से एक है....
-दिव्यमान यती बीते स्वतंत्रता दिवस, नेटफ्लिक्स पर सेक्रेड गेम्स का दूसरा सीजन आया, जिसका दर्शकों को बेसब्री से इंतजार भी...